રવિવાર, 13 જાન્યુઆરી, 2019

संरक्षण सौदे और घोटाले : यह रिश्ता बहुत पुराना है


राजीव गाँधी के समयमें भी वेस्टलेंड हेलिकोप्टर घौटाला हुआ था.

देश की सुरक्षा के लिए देश के लश्कर का आधुनिक हथियारों से सज्ज होना अनिवार्य हे.दुनिया के दुसरे देशों की गतिविधियों को ध्यान में लेते हुए,समय समय पर लेटेस्ट हथियार आधुनिक लश्करी साधन-सामग्री की खरीदी देश की सुरक्षा जवानो की हिंमत में बढ़ावा करने के लिए अत्यंत आवश्यक हे.इस बात का कभी कोई विरोध नहीं हो शकता.देश आजाद हुआ तबसे समय समय पर सरकारों द्वारा हथियारों की खरीदी होती रही किन्तु दुःख की बात यह हे की भ्रष्टाचारी सताधिश देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण एसे संरक्षण सोदों में से भी घुस लेना छोड़ते नहीं.यह संरक्षण सोदें बहुत बड़ी रकम के होते हे एवम् उसकी जटिलता गुप्तता के कारण सामान्य लोगों को उसकी कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती इसलिए ऐसे सोदों में घुस लेना अबतक बहुत आसान था.

यह भी वास्तविकता हे की आज़ादी से लेकर आजतक जितने भी संरक्षण घौटाले सामने आये सभी में नहेरु और गाँधी परिवार का ही नाम सामने आया हे.लश्कर के लिए विदेशी जीप खरीदनेमें १९४८में जवाहरलाल नहेरु की प्रथम सरकार में ८० लाख रुपये का जीप घौटाला हुआ.इसी तरह गाँधी परिवार के ट्रेडमार्क समान करोड़ो रुपये का बोफोर्स घोटाला,टेट्रा ट्रक घोटाला,सबमरीन घोटाला,हेलिकोप्टर घोटाला इत्यादि जैसे जितने भी संरक्षण घोटाले पिछले सात दशक में बाहर आये उन सभी का कनेक्शन कहीं कहीं गाँधी परिवार तक ही पहुंचता हे.

हाल ही में क्रिश्चेन मिशेल नामके बिचोलिये को भारत लाया गया हे, तब अगस्ता वेस्टलेंड हेलिकोप्टर घोटाले से जुड़े सभी लोगों को शर्दियों में फिर से गर्मी महसूस होने लगी है.२०१० में इटली की अगस्ता वेस्टलेंड कंपनी के साथ ३६०० करोड़ रुपये में १२ वीवीआईपी हेलिकोप्टर खरीदने का सौदा भारत सरकार ने किया, किन्तु इटली की अदालत में चल रहे केस में भांडा फुट गया की यह सोदे में ३६० करोड़ की घुस तय हुई हे जिसमे से १२५ करोड़ का भुगतान तो भारत में हो भी गया हे.इटली के मिलान शहर की अदालत के नतीजे में पेइज नंबर १९३ और २०४ पर चार बार सिग्नोरा गाँधी यानिके मिसिस गाँधी का नाम लिखा हे.उसमे यह भी उल्लेख हे की मिसिस गाँधी के कोई एक राजकीय सचिव ने यह सोदे में बिचोलिये से १२५ करोड़ की घुस ली हे.

अगस्ता वेस्टलेंड की यह सभी बाते अब जगजाहिर हो चुकी हे लेकिन बहुत कम लोगों को याद होगा की वेस्टलेंड और गाँधी परिवार का रिश्ता बहुत पुराना हे.राजीव गाँधी जब प्रधानमंत्री थे तब १९८५ में ब्रिटन की वेस्टलेंड कंपनी से २१ हेलिकोप्टर की खरीदी में भी बड़ा घोटाला हुआ था.विशेषज्ञों की राय मानते हुए राजीव गाँधी ने . करोड़ पाउंड में २१ हेलिकोप्टर वेस्टलेंड से ख़रीदे थे.१९८६ में यह हेलिकोप्टर्स का आगमन भारत में हुआ लेकिन उसकी डिज़ाइन में कोई बड़ी टेक्नीकल क्षति सामने आई और दो हेलिकोप्टर्स के अकस्मात के बाद सरकारने वेस्टलेंड के हेलिकोप्टर्स की उड़ान पर पाबंदी लगा दी.आखिर में उन हेलिकोप्टर्स के कबाड़ को बहुत ही सस्ती रकम में बेचकर सरकार को लाख के बारह हजार करने की नोबत आई.१९९९में ब्रिटन की यह वेस्टलेंड कंपनी को इटली की फिनमेक्कानिका ने खरीदी और उसका नाम हुआ अगस्ता ववेस्टलेंड.२०१० में फिर से कांग्रेस सरकार ने इसी कंपनी के साथ ३६०० करोड़ रुपये में १२ वीवीआइपी हेलिकोप्टर खरीदने का सौदा किया.

सभी के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक हे की इसी कंपनी के साथ भूतकाल में हुए ख़राब अनुभव के बावजूद भी कांग्रेस सरकार ने इसी कंपनी को फिर से ऑर्डर क्यों दिया ? देश के लाखो लोगों द्वारा देश के विकासकार्यो के लिए दिए गए टेक्स के रुपियों का ऐसा दुरपयोग क्यों ? हम लोग अपनी महेनत की कमाई से ईमानदारीपूर्वक टेक्स भरे और हमारे इस टेक्स के रुपियों से कौभांडी सताधिश अपनी तिजोरी भरे ? सालो तक ऐसे तो कई सोदों में गाँधी परिवार ने अबजो रुपये अपनी तिजोरी में जमा किये हे उसके एक के बाद एक सबूत सामने रहे हे.अदालत द्वारा उसको जो भी सजा मिल शकती हे वो मिलेगी लेकिन इस देश के लाखो गरीब,पीड़ित वंचित लोग उसको कभी माफ़ नहीं करेंगे.

किसी भी देश की प्रगति और समृध्धि के लिए जरुरी हे एक प्रामाणिक और इमानदार सरकार.सतापक्ष और विरोधपक्ष के बिच जनसेवा प्रामाणिकता की हरिफाई होनी चाहिए.राजनीती में लोग जब कुछ पाने के लिए नहीं किन्तु देश के लिए कुछ करने के जज्बे के साथ समर्पण भाव से देश के गरीब,पीड़ित और शोषितों के उत्थान के लिए कम करेंगे,भ्रष्टाचारीयों का जब सामूहिक बहिष्कार और तिरस्कार होगा और जब पूरा देश साथ मिलकर प्रामाणिकता का पर्व मनायेगा तब सही मायने में इस देश में सोने का सूरज निकलेगा.आशा अमर हे.वंदेमातरम्,भारत माता की जय.

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